तिलकराज बेहड़ बोले – अगला चुनाव जीतना है तो दिल्ली जाकर अपनी चूक स्वीकारें, कांग्रेसी नेता…कांग्रेस मे हो रही गढ़वाल की उपेक्षा ! (VIDEO)

खबर उत्तराखंड

उधमसिंहनगर: रुद्रपुर-किच्छा समेत तराई की राजनीति में कांग्रेस के संघर्षशील चेहरों में तिलकराज बेहड़ का नाम प्रमुख हैं। मगर अब किच्छा विधायक के बयानों ने पार्टी के अंदर नई हलचल खड़ी कर दी है। किस्सा गुटबाजी से जुड़ा है। गुटबाजी, जो कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की बड़ी वजह थी। पांच साल तक हरदा-प्रीतम के खेमे एक-दूसरे से उलझते रहे थे। वहीं, अब बेहड़ ने प्रदेश संगठन पर सवाल खड़े किए हैं। कहा कि गढ़वाल में कांग्रेस की अच्छी सीट आई थी। इसलिए अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से एक पद वहां जाना चाहिए। अब भी मौका है। अगर अगला चुनाव जीतना है तो प्रदेश के नेता दिल्ली जाकर अपनी चूक स्वीकारें।

वीडियो साभार – न्यूज़ हाइट 

गणेश जोशी व तिलकराज बेहड़ की मुलाकात खासा चर्चाओं में

पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री और ऊधम सिंह नगर के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ का हाल जानने उनके आवास पहुंचे थे। दोनों के बीच की यह मुलाकात खासा चर्चाओं में रही। वहीं, अब कांग्रेस में रुद्रपुर महानगर अध्यक्ष पद पर जगदीश तनेजा को हटाकर सीपी शर्मा को कमान सौंपने के बाद एक गुट विरोध में उतर आया। इन्होंने किच्छा जाकर बेहड़ से मुलाकात भी की। जिसके बाद बेहड़ के मन की बात भी बाहर आ गई। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में किच्छा विधायक ने कहा कि मामला संगठन से जुड़ा है। लेकिन मैं कहता हूं कि निजी तौर पर मेरे साथ भी धोखा किया गया। एआइसीसी सदस्यता को लेकर प्रदेश संगठन ने कहा कि अब वोटिंग सिस्टम हो चुका है। इसके लिए वोट देने जाना पड़ेगा। मगर आप बीमार हैं।

राजनीति को 50 साल हो चुके

बकौल बेहड़ वह पहले भी एआइसीसी में रह चुके हैं। वोटिंग का नियम नहीं है। पहले से मन बना चुके प्रदेश संगठन ने सिर्फ बहाना ही ढूंढा। किच्छा विधायक ने कहा कि उनकी राजनीति को 50 साल हो चुके हैं। जब भाजपा में था तो उस पार्टी ने आगे बढ़ाया। फिर कांग्रेस के लिए काम किया। लेकिन इस राजनैतिक सफर में मेरा संघर्ष भी महत्वपूर्ण हैं। मैं अपनी मेहनत से यहां तक पहुंचा हूं। प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर निर्णय तब लिया गया जब वह बीमार थे। पार्टी के इस निर्णय का भी सम्मान किया। लेकिन उस समय प्रदेश संगठन से चूक हो गई। इसे मानना ही पड़ेगा। गढ़वाल में ज्यादा विधायक होने के साथ कई वरिष्ठ नेता भी है। इसलिए एक अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से एक पद भी वहां जाना चाहिए था। जबकि तीसरा पद यानी उप नेता प्रतिपक्ष तराई को मिलता। हालांकि, यह पद भुवन कापड़ी यानी तराई के हिस्से में ही आया है।

प्रीतम ने लगातार फोन किया, संगठन ने नहीं जाना हाल: बेहड़

फरवरी में किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ का दिल्ली में किडनी ट्रांसप्लांट का आपरेशन हुआ। फिलहाल उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार है। वीडियो में बेहड़ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व पूर्व सीएम हरीश रावत ने उनसे बात की। चकराता विधायक प्रीतम सिंह के लगातार फोन आए। लेकिन प्रदेश संगठन ने हालचाल तक नहीं जाना। वहीं, मुझसे बगैर पूछे संगठन के निर्णय भी लिए गए।

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