धामी सरकार भी कर रही विचार, उत्तराखंड के स्कूलों मे भी नहीं पढ़ाया जाएगा मुगलों का पाठ ?

खबर उत्तराखंड

देहरादून: केंद्र सरकार ने आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए इतिहास की किताबों से मुगलों का इतिहास हटाने का निर्णय लिया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी केंद्र सरकार के निर्णय को अपने राज्य में लागू करने का फैसला लिया है. इसी क्रम में उत्तराखंड में भी केंद्र सरकार के इस निर्णय को लागू किया जा रहा है. सीएम धामी ने एनसीईआरटी के इतिहास की पुस्तक से मुगलकाल का चैप्टर हटाए जाने के सवाल पर कहा कि सरकार इसका आकलन कर रही है. इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी राजनीतिक सियासत गरमाने लगी है.

उत्तर प्रदेश से अलग होकर 9 नवंबर 2000 को अलग राज्य बना उत्तराखंड हमेशा से ही उत्तर प्रदेश के निर्णयों से प्रभावित रहा है. जब भी उत्तर प्रदेश में कोई निर्णय लिया जाता है तो उससे जुड़ा निर्णय उत्तराखंड में भी देखने को मिलता है. हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि हायर सेकेंडरी स्कूलों के इतिहास की किताबों से मुगलकालीन इतिहास को हटाया जाएगा. इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार अभी इस मामले का आकलन कर रही है. सीएम धामी ने कहा कि जो दूसरे राज्य अच्छे निर्णय ले रहे हैं, उन निर्णयों को भी राज्य में लागू करने का काम सरकार कर रही है. कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि उत्तराखंड में भी आने वाले समय में सिलेबस से मुगलकाल का इतिहास गायब हो सकता है

बता दें उत्तराखंड में करीब 21,093 स्कूल हैं. इनमें माध्यमिक स्कूलों की संख्या करीब 2200 है. हाल ही में संपन्न हुए बोर्ड एग्जाम के लिए 2 लाख 59 हजार 340 बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. जिसमें हाईस्कूल के 1 लाख 32 हजार 104 और इंटरमीडिएट के 1 लाख 27 हजार 236 बच्चे शामिल हैं. आगामी शैक्षिक सत्र के दौरान हाईस्कूल में लगभग 1 लाख 25 हजार और इंटरमीडिएट 1 लाख 18 हजार छात्र संख्या होने की संभावना है. इसके अलावा कक्षा नौ और कक्षा 11 में बच्चों के सिलेबस में बदलाव होगा. जिसकी संख्या हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में मिलाकर करीब 2 लाख 30 हजार है.

मुगलों के इतिहास को सिलेबस से हटाने के बारे में जानकारी देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि सीएम धामी भी इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि बच्चों को वही पढ़ना चाहिए जो बच्चों के लिए प्रेरक हो. बच्चों को जो पढ़ाएंगे या सिखाएंगे, बच्चे उसी अनुरूप आचरण करते हैं. उन्होंने कहा मुगल ना तो प्रेरक हो सकते हैं और ना ही प्रेरणा श्रोत. मुगलों ने देश के लोगों पर अत्याचार किया है. हमारी संस्कृति को नष्ट करने का काम किया है. यही नहीं, देश को लूटने और खोखला करने का काम भी मुगलों ने किया है. लिहाजा, मुगलकाल का चैप्टर हटाया जा रहा है तो यह स्वागत योग्य है.

इस पूरे मामले पर कांग्रेस राजनीति करने का आरोप लगा रही है. कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि किसका इतिहास गायब हुआ और किसका रखा गया ये बातें बेमानी हैं, लेकिन बात बस इतनी है कि 2014 के बाद भारत देश आजाद हुआ है. एक नए तरीके से इतिहास को लिखा जा रहा है. ऐसे में इस इतिहास में किसको महान और किसको गौण कर दिया जाएगा, ये जिसके हाथ में सत्ता है वो तय करेगी. साथ ही आज धर्म और सेना के साथ ही न्याय पालिका को लेकर भी राजनीति की जा रही है. कुल मिलाकर वर्तमान सरकार, इतिहास पुरुष बनने की चाह में ही सिलेबस में बदलाव करने जा रही है.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *