कोलकाता. पश्चिम बंगाल से एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हुआ है। यह वीडियो राज्य में BJP के चीफ और बालुरघाट से सांसद डॉ. सुकांत मजूमदार ने tweet किया है। इसमें भाजपा में शामिल आदिवासी महिलाओं को सरेआम अपमानित करने का आरोप है।
महिलाओं को पेट के बल चलाने का आरोप
डॉ. सुकांत ने वीडियो शेयर करते हुए कहा कि TMC उनका (आदिवासी समुदाय) का अपमान करने के लिए सब कुछ कर रही है। उन्होंन कहा-मैं देश भर के आदिवासी समुदाय के सभी लोगों से पार्टी के खिलाफ विरोध करने की अपील करता हूं, क्योंकि वे आदिवासी विरोधी हैं। भाजपा के राज्य प्रमुख सुकांत मजूमदार का आरोप है कि कुछ एसटी समुदाय की महिलाएं जो भाजपा में शामिल हुईं, उन्हें टीएमसी द्वारा फिर से पार्टी में शामिल होने और सजा के तौर पर दंडवत(मुर्गा बनने जैसी सजा) होकर परिक्रमा करने के लिए मजबूर किया गया। डॉ. मजूमदार ने लिखा कि तपन गोफानगर निवासी मार्टिना किस्कू, शिउली मार्डी, ठाकरन सोरेन और मालती मुर्मू कल भाजपा में शामिल हो गई। ये एसटी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। आज टीएमसी के गुंडों ने उन्हें टीएमसी में वापस जाने के लिए मजबूर किया और दंडवत परिक्रमा करने की बात कहकर सजा दी।
Martina Kisku, Shiuli Mardi, Thakran Soren and Malati Murmu, resident of Tapan Gofanagar, Tapan, joined BJP yesterday. They belong to ST community.
Today, TMC goons forced them to return to TMC and punished them by asking to do Dandavat Parikrama. pic.twitter.com/eks61eD2EP
— Dr. Sukanta Majumdar ( মোদীজির পরিবার ) (@DrSukantaBJP) April 7, 2023
अल्पसंख्यकों पर आंखें मूंदकर भरोसा
डॉ. सुकांत मजूमदार लगातार तृणमूल कांग्रेस पर आक्रामक है। कुछ दिन पहले उनका एक बयान सामने आया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल पुलिस वास्तविक दोषियों और अल्पसंख्यक समुदाय क अपराधियों पर आंखें मूंदकर हिंदुओं का परेशान कर रही है। हिंदुओं को गिरफ्तार कर रही है। उनका आशय रामनवमी पर हुई साम्प्रदायिक हिंसा से था। डॉ. मजूमदार ने इसे लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा था। उन्होंने 3 अप्रैल की रात लेवल क्रॉसिंग नंबर-4 पर हुए भारी पथराव की घटना में सत्तारूढ़ TMC की लिप्त बताया था। मजूमदार ने कहा था कि हिंसा प्रभावित हिंदुओं के जीवन और सम्पत्तियों की रक्षा करने के बजाय पुलिस उन्हें परेशान कर रही है, पकड़ रही है। उन्होंने दा टूक कहा था कि सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय के वास्तविक अपराधियों को आसानी से पहचाना जा सकता है। लेकिन पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
TMC को लेकर डॉ. मजूमदार पहले भी कई तरह के आरोप लगाते रहे हैं। दिसंबर, 2022 में सुकांता मजूमदार को साउथ 24 परगना जिले में लोगों ने काले झंडे दिखाए और उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया था। बालुरघाट से बीजेपी सांसद मजूमदार जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद कोलकाता लौट रहे थे, तभी जॉयनगर इलाके में उन्हें काले झंडे दिखाए गए थे। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. मजूमदार ने कहा था कि TMC कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया। कार में तोड़फोड़ की। उन्होंने कहा था कि गनीमत थी कि सुरक्षा कर्मी उनके साथ थे। मजूमदार कई बार आरोप लगा चुके हैं कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नहीं है। वे सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
फरवरी में बकरी कुचलने को लेकर हुआ विवाद
फरवरी में सागरदिघी उपचुनाव के दौरान उनकी गाड़ी के नीचे बकरी कुचलने पर भी राजनीति गर्माई थी। गांववालों ने मजूमदार से बतौर जुर्माना 5 हजार रुपये वसूले थे। इस पर मजूमदार ने कहा था कि स्थानीय लोगों ने जानबूझ गाड़ी के सामने मरी हुई बकरी लाकर रख दी थी। उसके बाद प्लानिंग से हंगाम किया। तब उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी पर ‘लो टेस्ट पॉलिटिक्स’ करने का आरोप लगाया था। जिस इलाके में यह घटना हुई थी वो काबिलपुर और बलिया अल्पसंख्यक बहुल है।