नई दिल्ली: लोकसभा की सदस्यता रद्द हो जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहली बार वायनाड पहुंचे. राहुल वायनाड से जीतकर संसद पहुंचे थे. यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने जमकर बीजेपी और मोदी सरकार पर हमला बोला. राहुल ने कहा कि सासंद होना एक टैग और पद है. बीजेपी इसे छीन सकती है और मुझे जेल भी भेज सकती है, लेकिन वह मुझे वायनाड की जनता का प्रतिनिधित्व करने से बिल्कुल भी नहीं रोक सकते.
BJP can take away my MP tag, my house or put me in jail, but they cannot stop me from representing the people of Wayanad.
: @RahulGandhi Ji pic.twitter.com/tsPMOIIjOq
— Congress (@INCIndia) April 11, 2023
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी वालों को लगता है कि वह मेरे घर पुलिस भेजकर मुझे डरा देंगे, लेकिन मुझे खुशी है कि उन्होंने मेरा घर ले लिया. मैं उस घर में संतुष्ट नहीं था. यह सबसे बड़ा तोहफा है, जो बीजेपी वाले मुझे दे सकते हैं. चाहे जो हो जाए, मैं देश के लिए लड़ता रहूंगा. राहुल गांधी ने कहा कि देश में लोगों का लड़ाने का काम और लोगों को बांटने का काम बीजेपी करती है. बीजेपी के लोग जनता को डराते हैं और उनको गाली देते हैं. बीजेपी एक अलग भारत का और हम एक अलग भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं. मैं सांसद रहूं या ना रहूं, लेकिन वायनाड के लोगों का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा.
The more the BJP attacks me, the more I know I am on the right path.
I am not going to stop asking questions, I will continue to raise the voice of the people of India! pic.twitter.com/z1oPQr3Abj
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 11, 2023
राहुल गांधी ने कहा कि मैं सरकार से सवाल पूछता हूं तो वह सहज नहीं होते. मैं जितने सवाल पूछता हूं, बीजेपी वाले मुझपर उतने ज्यादा हमला करते हैं. अब मुझे पता चल गया है कि यही सही रास्ता है, जिसपर मुझे जाना है. वायनाड की जनता से मेरा रिश्ता एक परिवार की तरह है, यह कभी नहीं बदल सकता.
वहीं, प्रियंका गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे भाई राहुल को एक ऐसा सवाल पूछने के लिए सांसद पद से अयोग्य ठहरा दिया गया, जिसका बीजेपी जवाब नहीं दे सकी. आज पूरी सरकार गौतम अडानी को बचाने की कोशिश में जुटी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम लोगों के लाइफस्टाइल में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन वह हर दिन अपने ड्रेसिंग स्टाइल में बदलाव करते रहते हैं. आज देश के युवाओं को नौकरियों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.