देहरादून: उत्तराखंड मे सियासत का ऊंट कब किस करवट बैठे पता नहीं चलता लेकिन जब विपक्ष सरकार की तारीफ मे उतार जाये तो समझा जाता है की सरकार बिलकुल सटीक फैसले ले रही है लेकिन विपक्ष के लोग सरकार की तारीफ दो ही स्थितियों मे करते हैं एक तो विपक्ष पूरी तरह से टूट रहा हो और दूसरे पूरा विपक्ष एक ही लहजे मे बोल रहा हो लेकिन उत्तराखंड मे विपक्ष की एक ही लहजे मे बोलने की स्थिति तो नहीं है लेकिन विपक्षी विधायक सरकार की तारीफ कर रहे हैं। आपको बता दें की एक तरफ जहां पूरा विपक्ष धामी के लैंड जिहाद की आलोचना कर रहा है वहीं अल्मोड़ा के द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने लैंड जिहाद पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मुहिम का समर्थन कर अपनी पार्टी को असहज कर दिया है। वहीं सीएम ने भी विपक्ष से विरोध बंद कर इस मुद्दे पर साथ आने की अपील कर डाली
आपको बता दें की उत्तराखंड में नगर निकाय और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में रार थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश संगठन और प्रभारी वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर हैं और यही नहीं उत्तराखंड के कुछ कांग्रेसी नेता आपस मे भी उलझकर ऊर्जा बर्बाद कर रहे हैं , प्रीतम कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव पर सवाल उठा रहे हैं, तिलक राज बेहड़ कांग्रेस पर गढ़वाल मण्डल की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं प्रदेश कांग्रेस नेताओं से दिल्ली जाकर अपनी गलती स्वीकारने की नसीहत दे रहे हैं, द्वारहट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट भी इस लड़ाई मे कूदकर बीते विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद प्रदेश प्रभारी को नहीं हटाने के पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णय पर सवाल खड़े करते हुए, धामी के अवैध रूप से मजार हटाने वाले बयान का समर्थन कर रहे हैं बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं हो रही है इस फेहरिस्त मे एक नाम और जुड़ गया है हीरा सिंह बिष्ट का जो कांग्रेस सरकार मे कैबिनेट मिसिटर रह चुके हैं उन्होने तो खुलकर अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेत्रत्व पर वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाया है
उत्तराखंड के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का बयान
उत्तराखंड मे विधानसभा और उपचुनावों मे हार का मुंह देख चुकी कांग्रेस के नेताओं की समजह मे शायद नहीं आ रहा है की कहाँ क्या बोल्ना है कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता और विधायक लगातार पार्टी लीग से हटकर बयानबाजी कर रहे हैं और अपनी ही पार्टियों की नीतिओ की बुराई करने मे लगे हैं आगामी लोक सभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं । लोकसभा चुनाव से पहले नगर निकाय चुनाव भी होने हैं। इन दोनों ही चुनाव से पहले पार्टी के भीतर जिस प्रकार बयानबाजी का दौर चल रहा है, उससे मुश्किलें बढ़ना तय है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने पार्टी के अंदरूनी परिस्थितियों की जानकारी पार्टी हाईकमान को पहुंचा दी है और जल्द ही पार्टी क्षत्रपों में समन्वय बनाने और बढ़ते असंतोष को थामने के लिए कांग्रेस हाईकमान प्रदेश में पर्यवेक्षक भेज रही है
आपको बता दें की प्रदेश में बीते वर्ष विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में पार्टी नेताओं के बीच दूरियां कम होने के स्थान पर बढ़ी हैं। पार्टी हाईकमान की ओर से प्रदेश संगठन और विधानमंडल दल में किए गए परिवर्तन के बाद भी असंतोष थम नहीं पाया है। और वरिष्ठ नेताओं की बदजूबानी और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी आम कार्यकर्ता का मनोबल तोड़ देती है जिस बात को खुद कांग्रेस प्रदेशधयक्ष करण मेहरा भी कह चुके हैं, अब पूरा मामला कांग्रेस हाइकमान के संगयान मे है देखने वाली बात ये होगी की कांग्रेस हाइकमान नेताओं मे कैसे एकजुटता पैदा करके अनर्गल बयानबाजी पर रोक लगाएगा।
कांग्रेस पार्टी में वैसे तो विस चुनाव हार के बाद से ही वरिष्ठ नेताओं के बीच हार के कारणों को लेकर एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था, लेकिन बीते कुछ दिनों में वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह, तिलक राज बेहड़ और मदन बिष्ट के जिस तरह से पार्टी प्रभारी और संगठन को लेकर बयान सामने आए हैं, उनसे पार्टी के साथ संगठन भी असहज है।
इसको दुरूस्त करने के लिए पार्टी हाईकमान की ओर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता व सीडब्ल्यूसी के सदस्य पीएल पुनिया को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजा जा रहा है। पुनिया शनिवार को (आज) तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचेंगे। इस दौरान प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी उनके साथ मौजूद रहेंगे।