देहरादून: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड के खिलाड़ियों को विदेशी कोच भी प्रशिक्षण दे सकेंगे। अपर सचिव एवं खेल विभाग के निदेशक जितेंद्र सोनकर के मुताबिक मुख्यमंत्री खेल विकास निधि में इसकी व्यवस्था की गई है। यदि किसी खिलाड़ी को विदेशी कोच की जरूरत है, तो उसके लिए विदेशी खेल प्रशिक्षक रखे जाएंगे।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक पंजाब एवं कुछ अन्य राज्यों ने पहले से अपने खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए इसकी व्यवस्था की हुई है। उत्तराखंड में अगले साल 38वें राष्ट्रीय खेल होने हैं। इन खेलों में राज्य के खिलाड़ी अधिक पदक जीत सकें इसके लिए सरकार राज्य के खेल प्रशिक्षकों के साथ ही विदेशी कोच से भी खिलाड़ियों को प्रशिक्षित दिलाने की तैयारी है।
देश के अन्य राज्यों में इसकी व्यवस्था के अध्ययन के लिए खेल विभाग की ओर से हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, यूपी आदि राज्यों की भी रिपोर्ट मांगी गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कुछ राज्यों की रिपोर्ट मिल चुकी है। कुछ अन्य राज्यों की रिपोर्ट मिलने के बाद इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।
उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों की जो मेजबानी मिली
उत्तराखंड ओलंपिक संघ के सचिव डीके सिंह का कहना है, उत्तराखंड देवभूमि और वीरभूमि के नाम से जाना जाता है। सेना में राज्य के सबसे अधिक जवान अपनी शहादत देते हैं। देवभूमि, वीरभूमि के साथ ही राज्य खेल भूमि के रूप में भी जाना जा सके इसके लिए विदेशी कोच हो या फिर कोई अन्य व्यवस्था सभी संभावनाओं को तलाशा जाना चाहिए। उन्होंने कहा प्रयास किया जाना चाहिए कि उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों की जो मेजबानी मिली है उसमें राज्य के खिलाड़ी अधिक से अधिक पदक जीत सकें।
राज्य में अधिकतर पदों पर संविदा पर हैं खेल प्रशिक्षक
राज्य में अधिकतर पदों पर संविदा पर खेल प्रशिक्षक तैनात हैं। हालांकि विभाग ने पूर्व में 60 खेल प्रशिक्षक के पदों के लिए नियुक्ति निकाली, लेकिन विभाग को मात्र 28 खेल प्रशिक्षक मिले।
मुख्यमंत्री खेल विकास निधि के प्रस्ताव को पिछली कैबिनेट में मंजूरी मिल चुकी है। उसमें व्यवस्था है किसी खिलाड़ी को यदि विदेशी कोच की जरूरत है तो उसके लिए इसे उपलब्ध कराया जाएगा।
–जितेंद्र सोनकर, अपर सचिव एवं खेल निदेशक