पौड़ी: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में आदमखोर बाघ की दहशत से लोग घरों में कैद हो गए हैं. पौड़ी जिले के रिखणीखाल, धुमाकोट क्षेत्र के 25 गांवों में इस आदमखोर बाघ की दहशत है. आलम यह है कि इन क्षेत्रों में प्रशासन ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. साथ ही बाघ के पकड़े जाने तक आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूल में छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है. दरअसल, पौड़ी जिले के रिखणीखाल और धुमाकोट इलाके में बीते 13 व 15 अप्रैल को बाघ ने लोगों पर हमला किया था, इसमें डल्ला गांव निवासी बुजुर्ग की मौत भी हो गई थी. बाघ के हमले के बाद से ही क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां अक्सर बाघ दिखाई देता है जिससे गांव के लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं.
पकड़ने के लिए लगाए गए ट्रैस कैमरे
पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान समेत गढ़वाल वन विभाग व लैंसडाउन वन विभाग की टीम, उपजिलाधिकारी, पुलिस कर्मी सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने डल्ला गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की. बाघ को पकड़ने के लिए प्रशासन द्वारा गांव में तमाम जगहों पर ट्रैस कैमरे लगाए गए हैं. इसके साथ ही घटनास्थल के आसपास वन विभाग के द्वारा पिंजरे लगाए गए हैं. साथ ही वन विभाग व पुलिसकर्मी भी यहां डेरा जमाए हुए हैं. यहां शाम 7 बजे से सुबह के 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है.
स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र बंद
रिखणीखाल और धुमाकोट क्षेत्र के भैडगांव पट्टी के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों में दो दिन की छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है. जिलाधिकारी ने बताया कि धुमाकोट के भैडगांव गांव व उसके आसपास के इलाकों में भय का माहौल व्याप्त होने व विद्यालय जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर स्थिति सामान्य होने तक स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों की छुट्टी का ऐलान किया गया है. साथ ही डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पौड़ी को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करें.