देहरादून: सत्ता पक्ष के विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों की समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्षी दल के विधायकों के साथ गुरुवार को सचिवालय में समीक्षा बैठक की. इस बैठक में यमुनोत्री, बदरीनाथ, प्रतापनगर, चकराता, ज्वालापुर, भगवानपुर, झबरेड़ा, पिरान कलियर, मंगलौर, लक्सर, खानपुर और हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के विधायक मौजूद रहे. बैठक के दौरान मुख्य रूप से विधायकों से उनकी विधानसभा क्षेत्रों से जुड़े 10 काम मांगे गए थे, जिस पर चर्चा की गई.
विपक्ष के विधायकों की बैठक संपन्न होने के बाद कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा बैठक के दौरान सीएम ने विपक्षी विधायकों के विधानसभाओं के विकास कार्यों की स्तिथि जानी. साथ ही विधायकों ने अपनी अपनी विधानसभा की समस्याओं से भी सीएम को अवगत कराया. यही नहीं, विधायको ने अपनी -अपनी विधानसभाओं के 10 प्रमुख मांगो के संबंध में पत्र भी भेजा था, उस पर भी चर्चा की गई. ऐसे में अब विधायकों को इंतजार है कि सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है.
लक्सर से बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने सीएम धामी का धन्यवाद देते हुए कहा सीएम धामी ने एक अच्छी शुरुआत की है. ऐसे में उम्मीद है कि सम्पूर्ण उत्तराखंड का सामान विकास होगा. साथ ही कहा कि बैठक में कोई नाराजगी का विषय नहीं उठा, लिहाजा तमाम बिंदुओं पर बेहतर ढंग से चर्चा हुई. ऐसे में उम्मीद है इसका अच्छा निष्कर्ष निकलेगा.
एसीआर की मांग करने वाले मंत्री को दे देना चाहिए इस्तीफा: पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा सीएम की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बात को सुनें. उनके कार्यों का निस्तारण करें, लेकिन वर्तमान स्तिथि यह है कि सरकार और अधिकारियों के बीच समन्वय नही है. यही नहीं, मंत्री लगातार अधिकारियों की एसीआर लिखने की बात कह रहे हैं. जिससे जाहिर होता है कि सरकार और अधिकारियों में समन्वय नही है. उन्होंने कहा अगर मंत्री इस बात को कहे कि अधिकारी उनका कहना नहीं मान रहा है लिहाजा एसीआर लिखने का अधिकार मिले, तो ऐसे मंत्री को तत्काल प्रभाव से मंत्री मंडल से हट जाना चाहिए.