देहरादून: कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन से उत्तराखंड में शोक की लहर है. एक तरफ जहां राज्य सरकार, मंत्री के आकस्मिक निधन पर संवेदना व्यक्त कर रही है तो दूसरी तरफ उनके निधन से चार धाम यात्रा में परिवहन व्यवस्थाओं की चिंता भी बढ़ गई है. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि धामी मंत्रिमंडल में चंदन रामदास की जगह कौन लेगा? वैसे तो धामी सरकार में पहले से ही कैबिनेट मंत्रियों के 3 पद खाली हैं, लेकिन चारधाम यात्रा की शुरुआत में ही कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के आकस्मिक निधन ने सरकार की परेशानियां और बढ़ा दी हैं. दरअसल, राज्य में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. गुरुवार यानी कल भगवान बदरीनाथ के कपाट भी खुलने हैं. राज्य में चारधाम को लेकर खुशनुमा और चुनौतीपूर्ण माहौल में कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन की खबर आना सरकार के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है.
बता दें चंदन राम दास के पास समाज कल्याण विभाग के साथ ही परिवहन विभाग की भी जिम्मेदारी थी. जाहिर है कि प्रदेश में परिवहन विभाग चारधाम यात्रा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसे में इस बीच विभाग के मंत्री के निधन की खबर ने सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. हालांकि, तमाम बैठकों और रिव्यू मीटिंग के जरिए पहले ही चारधाम यात्रा के दौरान होने वाली विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा दिवंगत मंत्री चंदन रामदास पहले ही ले चुके थे, लेकिन, यात्रा अभी बेहद लंबी है. इस दौरान कई विषयों पर सरकार को समय-समय पर मंथन करना होता है. लिहाजा कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद अब कौन उनकी जगह लेगा ये बड़ा सवाल है.
वैसे तो राज्य में अनुभवी विधायकों की कमी नहीं है, लेकिन क्योंकि राज्य में पहले से ही कैबिनेट मंत्रियों के 3 पद खाली हैं, लिहाजा सरकार के सामने अब यह भी एक बड़ा सवाल होगा कि सरकार सभी मंत्री पद पर विधायकों को जगह दे या फिर चंदन राम दास के बदले ही किसी वरिष्ठ विधायक को मंत्री बनाए.
बता दें मुख्यमंत्री को मिलाकर फिलहाल कैबिनेट में कुल 9 सदस्य शामिल हैं. राज्य कैबिनेट में ये संख्या मुख्यमंत्री को मिलाकर 12 हो सकती है. यानी धामी सरकार में पहले ही तीन मंत्रियों के पद खाली हैं. उधर, अब मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद राज्य में मंत्रिमंडल की संख्या अब 8 रह गई है. लिहाजा, इतनी कम संख्या में सरकार को चलाना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए थोड़ा मुश्किल होगा, लिहाजा, बेहतर तरीके से सरकार चलाने के लिए विधायकों को मंत्री के रूप में जिम्मेदारी जल्द दी जा सकती है.