देहरादून : लोकसभा के 2024 के चुनावों से पहले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) अपनी एक किताब को लेकर फिर चर्चा में हैं. दरअसल ये किताब हरीश रावत ने उत्तराखंडियत को लेकर लिखी है. इस किताब के जरिए हरीश रावत ने उन तमाम चीजों को लेखनी के माध्यम से दर्शाने की कोशिश की है जो उत्तराखंड में घटित हुई हैं. चाहे वह राजनीति की घटनाएं हों या फिर राजनीति से हटकर हों, लेकिन हरीश रावत की इस किताब के उद्घाटन से पहले सियासत गरमाने लगी है.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तराखंड की सियासत का एक बड़ा चेहरा हैं. बात अगर कांग्रेस की की जाए तो उत्तराखंड कांग्रेस की पूरी राजनीति हरीश रावत के इर्द-गिर्द ही घूमती है. यही वजह है कि हरीश रावत हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं, लेकिन इन दिनों रावत अपनी एक किताब को लेकर चर्चाओं में हैं. दरअसल हरीश रावत ने उत्तराखंडियत को लेकर एक किताब लिखी है जिसका नाम “मेरा जीवन लक्ष्य उत्तराखंडियत” है. इसके हरीश रावत ने राज्य गठन से लेकर अब तक के राजनीतिक घटनाक्रम से लेकर तमाम बातों को इस किताब में पिरोया है, लेकिन किताब के उद्घाटन से पहले ही सियासत भी होने लगी है.
बेईमानी की आदत कभी जाती नहीं है।
एक घटना पर 2016 में जब मैने कहा कि
“यह उत्तराखण्डियत पर हमला है”
तो अगला आदमी कहने लगा,
यह उत्तराखण्डियत क्या होती है?
आज सुना है,
वे उत्तराखण्डियत पर किताब लिख चुके हैं।— Kishore Pitamber (@KishorePitamber) April 25, 2023
किशोर उपाध्याय ने ली चुटकी
कभी कांग्रेस में हरीश रावत के साथी रहे किशोर उपाध्याय ने हरीश रावत की इस किताब को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि इन दिनों किशोर उपाध्याय भाजपा से टिहरी के विधायक हैं, लेकिन जिस जमाने में किशोर उपाध्याय कांग्रेस संगठन के अध्यक्ष हुआ करते थे, उस दौरान किशोर उपाध्याय ने हरीश रावत से उत्तराखंडियत को लेकर ही कई बातें कही थीं. उस वक्त हरीश रावत ने उनकी बात सुनी, लेकिन अब हरीश रावत की इस किताब को लेकर किशोर उपाध्याय ने ट्वीट के माध्यम से चुटकी ली है.
हरीश रावत ने भी किया तंज
हालांकि हरीश रावत ने किशोर उपाध्याय के इस ट्वीट पर कटाक्ष किया है. उनका यह कहना है कि हम तो आज भी वहीं बने हैं, जहां पहले हुआ करते थे, लेकिन जिन्होंने सवाल खड़े किए हैं, वे अब सिर्फ प्रायश्चित कर रहे हैं.
सीएम धामी ने भी ली चुटकी
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की इस किताब पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी चुटकी ली है. सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हरीश रावत उत्तराखंड के बड़े नेता हैं और वे इस तरह के कार्यक्रम करते रहते हैं, लेकिन हरीश रावत अब जिस उत्तराखंडियत की बात कर रहे हैं, उस उत्तराखंडियत को प्रदेश की जनता ने चुनावों के दौरान देख लिया है और उसका जबाव भी हरीश रावत को चुनाव में मिल चुका है.
उम्र के इस पड़ाव में हरीश रावत ने अपनी इस किताब में किन बातों को उजागर किया है, यह किताब के उद्घाटन के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन इतना साफ है कि हरीश रावत इस किताब के जरिए अपनी राजनीति को और मजबूत करना चाहते हैं. यानी हरीश रावत 2024 के लोकसभा चुनाव में भी सक्रिय तौर पर चुनाव लड़ने की कोशिश में हैं.