ग्राफिक एरा की नई खोज – मेडिकल फेयर में टाइफाइड जांच की नई किट लांच

खबर उत्तराखंड

देहरादून: ग्राफिक एरा में विकसित टाइफाइड डायग्नोज करने की दुनिया में अपनी तरह की पहली किट आज देश को समर्पित कर दी गई। अभी तक दुनिया में टाइफाइड की सटीक जांच के लिए ऐसी कुछ तकनीक उपलब्ध नहीं है। दिल्ली के प्रगति मैदान मे गुरुवार से शुरू हुए मेडिकल फेयर इंडिया में वैनगार्ड डायग्नोस्टिक की सीईओ सुश्री वीना कोहली ने वैनस्कैन नाम से इस किट को लॉन्च किया। वैनस्कैन को न्यू गोल्ड स्टैंडर्ड के मानकों के मुताबिक बनाया गया है। मेडिकल फेयर इंडिया की इस 28वीं अंतर्राष्ट्रीय एग्जिबिशन और कॉन्फ्रेंस में 17 देश प्रतिभाग कर रहे हैं। इस में टॉप मेडिकल टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी और डायग्नोस्टिक इंडस्ट्री से जुड़ी इनोवेटिव तकनीकों और उत्पादों के एग्जिबियस भी प्रदर्शित किए जायेंगे।

ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन प्रो. (डॉ.) कमल घनशाला ने ग्राफिक एरा की चिकित्सा क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने वाली इस बड़ी खोज के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि अब पूरी दुनिया में टाइफॉइड का निदान करना बहुत आसान हो जायेगा। इस किट के जरिए शत-प्रतिशत सही नितेजे मिलने के कारण गलत इलाज के खतरे से मरीजों को बचाया जा सकता है।

डॉ. घनशाला ने कहा कि ग्राफिक एरा की इस बड़ी खोज को पूरी दुनिया के चिकित्सकों और मरीजों तक पहुंचने में वैनगार्ड डायग्नोस्टिक की भूमिका महत्वपूर्ण है। ग्राफिक एरा की ऐसी ही अनेक खोजों के पेटेंट केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालय को दिए हैं। इन खोजों का लाभ पूरी दुनिया तक पहुंचने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि वैनस्कैन पेटेंट तकनीक पर आधारित दुनिया की पहली आर-टी पी सी आर टाइफाइड टेस्ट किट है जो टाइफाइड पैदा करने वाले दोनो जीवाणों, सालमोनेला टयफी और सालमोनेला पैरा टायफी को स्क्रीन करने में सक्षम है।

विश्व की मजूदा टाइफाइड जांच तकनीकें सिर्फ सालमोनेला टायफी को ही लक्षित कर पाती हैं। दुनियाभर में टाइफाइड की जांच विडाल टेस्ट से की जाती हैं और इस के परिणाम पूरी तरह विश्वसनीय नहीं होते। आम तौर पर विडाल टेस्ट में करीब 14 प्रतिशत गलत रिपोर्ट आती है। इसी वजह से डॉक्टर विडाल टेस्ट पॉजिटिव आने पर पुष्टि के लिए कल्चर कराने की सलाह देते हैं। कल्चर की रिपोर्ट आने में एक हफ्ते से ज्यादा समय लग जाता है।

वैनस्कैन के लॉन्च के मौके पर इस तकनीकी के अविष्कारक, माइक्रोबायोलॉजी के विभाध्यक्ष डॉ. पंकज गौतम और शिक्षक डॉ. आशीष थपलियाल, बायोटेक्नोलॉजी के विभाध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार और शिक्षक डॉ निशांत राय और वैनगार्ड डायग्नोस्टिक के डायरेक्टर, डॉ. आर. पी. तिवारी, श्री अनिल विरमानी और श्री राहुल ठाकुर मौजूद रहे।

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