देहरादून: उत्तराखंड में धामी सरकार नई आबकारी पॉलिसी लेकर आई है और इस पॉलिसी के जरिए प्रदेश में शराब के व्यापार को आसान कर राज्य के राजस्व को और बेहतर करने की कोशिश की गई है. लेकिन नई पॉलिसी आने के बाद पहले ही आवंटन में आबकारी विभाग को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है. स्थिति यह है कि विभाग की 400 करोड़ राजस्व से जुड़ी दुकानें अधर में लटकी हैं.
उत्तराखंड में नई आबकारी नीति के तहत इस बार दुकानों का आवंटन करने की प्रक्रिया जारी है इस कड़ी में कई दुकानों का नवीनीकरण किया जा चुका है तो अभी ऐसी कई दुकानें हैं जिनको अलॉट कर पाना विभाग के लिए टेढ़ी खीर हो रहा है. राज्य में कुल 627 देशी और विदेशी शराब की दुकानें हैं, जिन्हें आबकारी नीति के तहत आवंटित किया जाता है. धानी सरकार इस बार नई आबकारी पॉलिसी लेकर आई है, जिसके तहत शराब की दुकानों के व्यवसायियों को 10% राजस्व बढ़ोत्तरी के साथ नवीनीकरण की सुविधा दी गई है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस नई पॉलिसी आने के बाद भी राज्य में कई दुकानों को लेने के लिए शराब कारोबारी सामने नहीं आ रहे. मौजूदा स्थिति की बात करें तो राज्य में कुल 109 ऐसी शराब की दुकानें हैं, जिनका अलॉटमेंट नहीं हो पाया है.
राजस्व के रूप में देखा जाए तो यह 109 दुकानें कुल 400 करोड़ के राजस्व वाली हैं. यानी सरकार का एक बड़ा राजस्व इन दुकानों के लिहाज से अधर में लटका हुआ है. प्रदेश में आबकारी विभाग हालांकि इस को लेकर लगातार प्रयास में जुटा हुआ है और आबकारी आयुक्त कार्यालय स्तर पर लगातार अधिकारियों को निर्देश भी दिए जा रहे हैं. इस कड़ी में लापरवाही बरतने वाले जिला आबकारी अधिकारियों को भी सख्ती के साथ निर्देश जारी हुए हैं. यही नहीं राज्य के 2 जिला आबकारी अधिकारियों के वेतन को रोकने के भी आदेश हो चुके हैं. उधर लापरवाही बरतने पर आगे भी कार्रवाई जारी रखने के संकेत दिए गए हैं. आबकारी सचिव हरीश चंद्र सेमवाल की मानें तो दुकानों के आवंटन को लेकर विभाग गंभीरता से काम कर रहा है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द से जल्द बची हुई बाकी दुकानों को भी आवंटित कर दिया जाएगा.