ऋषिकेश: डीएम ने चुनाव में गलत जाति प्रमाण-पत्र पेश करने पर रायवाला ग्राम पंचायत के प्रधान सागर गिरि को पद से हटाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने उपनिर्वाचन तक पंचायत का चार्ज उपप्रधान जयानंद डिमरी को देने का निर्देश जारी किया है. सागर पर यह कार्रवाई पंचायत राज अधिनियम 2016 के तहत की गई है.
जिलाधिकारी सोनिका के आदेश के मुताबिक साल 2019 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद रायवाला गांव निवासी रामबहादुर क्षेत्री ने शिकायत की थी. जिसमें ओबीसी आरक्षित सीट पर सागर गिरि के प्रधान निर्वाचित होने को चुनौती दी गई थी. शिकायत में उनके जाति प्रमाण-पत्र को गलत बताया गया था. जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी की पांच सितंबर 2020 की रिपोर्ट पर 13 दिन बाद तहसीलदार ने सागर गिरि के जाति प्रमाण-पत्र को निरस्त कर दिया था. जिसके बाद डीएम ने पंचायती राज अधिनियम की धारा-138 (1) ग के तहत प्रधान सागर गिरि को कारण बताओ नोटिस जारी किया.
डीएम ने बताया कि सागर गिरि ने नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया. उन्होंने माना कि गलत जाति प्रमाण-पत्र पेश कर सागर ने आरक्षित पद का लाभ लिया. लिहाजा, सागर गिरि को प्रधान पद से हटाया जाता है. जिलाधिकारी ने रायवाला प्रधान सागर गिरि को गलत जाति प्रमाण-पत्र पेश करने पर पदमुक्त कर दिया है. लेकिन इस मामले में निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का भी दावा है. जिस पर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई होती नहीं दिखी है. जिला पंचायतीराज अधिकारी ने बताया कि यह मामला अब चुनाव आयोग से जुड़ा है. लिहाजा, इसमें कानूनी कार्रवाई संबंधी फैसला वहीं से लिया जाना है.
जानिए क्या बोले सागर गिरि
सागर गिरि ने कहा कि रायवाला ग्राम पंचायत क्षेत्र में नदी किनारे पंचायती जमीनों और करीब 24 बीघा भूमि पर एक आश्रम के कब्जे के खिलाफ आवाज उठाने पर उन पर यह कार्रवाई हुई है. राजनीतिक दबाव में अधिकारियों ने यह एक्शन लिया है. जबकि, मामला पहले से ही हाईकोर्ट में विचाराधीन है. डीएम के आदेश को भी अब कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.