न्यूज़ डेस्क: एलियंस (Aliens) को लेकर आए दिन कई ऐसे दावे किए जाते हैं जिनके बारे में जानकर वैज्ञानिक भी हैरत में पड़ जाते हैं। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल है कि क्या ब्रह्मांड में एलियन का अस्तित्व है? वैज्ञानिक सालों से इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिल पाई है। अब इन सवालों और चर्चाओं के बीच शोधकर्ताओं ने नया शोध केंद्र स्थापित किया है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि एलियंस के साथ आज नहीं तो कल संपर्क होना तय है। इस विषय पर यूके SETI (एक्सट्रा-टेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस के लिए खोज) रिसर्च नेटवर्क और सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय मिलकर काम कर रहे हैं ताकि अगर एलियंस से कभी भी मानव का सामना हो तो हमें खुद को कैसे तैयार रखना होगा। इसके लिए किस तरह के प्रोटोकॉल को लागू किया जाना चाहिए इस पर गहन अध्ययन हो रहा है।
हम ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं
हम ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लेकिन ऐसा संभव है कि दूर कहीं अंतरिक्ष के किसी कोने से कोई तो होगा जो हम पर नजर रख रहा होगा। बस हमारी नजर उस तक नहीं पहुंची है। हमें इसको लेकर संभावित तैयारियां तो करनी पड़ेंगी। क्योंकि हम यह नहीं जानते कि एलियंस कैसे होंगे। क्या वह मानवाजाति का विनाश चाहेगा या फिर हमसे दोस्ती का हाथ बढ़ाएगा। बड़ी उलझन है। इसी समस्या को सुलझाने के लिए दिन-रात काम हो रहा है। एलियन से निपटने के लिए एक नया शोध केंद्र स्थापित किया गया है ताकि हम आने वाले खतरे के बारे में जान सके, उनसे खुद को संभाल सके।
एलियंस हो सकते हैं खतरनाक
इसके लिए ग्रह पर कुछ प्रमुख विशेषज्ञ SETI पोस्ट-डिटेक्शन हब के लिए अपना इनपुट प्रदान करेंगे। साथ ही सही प्रतिक्रिया की गारंटी के लिए दिशानिर्देश और उपाय किए जाएंगे। वैसे भी सालों से वैज्ञानिकों के बीच इस बात को लेकर बहस चल रही है कि दूसरी दुनिया से संपर्क करना सुरक्षित है या नहीं। कुछ शोधकर्ता यह भी मानते हैं कि एलियंस से संपर्क करने से मानवता को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। तो वहीं कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि एलियंस से संपर्क करने से धरती से मानव सभ्यता और सभी जीवों का विनाश हो जाएगा।
हमें खुद को तैयार करना होगा
सेंट एंड्रयूज में स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस में मानद रिसर्च फेलो और हब के समन्वयक डॉ जॉन इलियट का माननाहै कि इस प्रक्रिया के संदर्भ में और अधिक समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। उनका तर्क है कि, क्या हम उन अलौकिक शक्तियों (एलियंस) के संदेश का इंतजार करते रहेंगे। क्या हमें संदेश प्राप्त होगा?इसकी कोई जानकारी नहीं है। शोधकर्ताओं का मानना है कि उन्हें अब एलियंस के इंतजार में समय खर्च नहीं करना चाहिए। आने वाले कल में हमारा सामना ऐसे प्राणी से हो जिसे हम एलिंयस कहते हैं, फिर क्या करेंगे। हमें खुद को तैयार करना होगा, ताकि आने वाले समय में उनसे निपटा जा सके।
एलियंस काफी बुद्धिमान हैं?
ब्रह्मांड के अन्य हिस्सों में एलियंस जो काफी बुद्धिमान हो सकते है, के अस्तित्व को वैज्ञानिक नकार नहीं रहे है। वे उन्हें एक वास्तविक संभावना के तौर पर देख रहे हैं, जो आने वाले समय में एक नई चुनौती के साथ हमारे सामने खड़ा हो सकता है। हालांकि, शोधकर्ताओं को भी इस बात का कोई भी सबूत नहीं मिला है कि, यूएफओ बाहरी दुनिया से आए थे या फिर किसी विदेशी की कोई चाल थी। हालांकि वे इस बात से भी सहमत है कि, लोगों द्वारा कही गई बातों को ज्यादा तोड़-मरोड़ कर पेश भी तो नहीं किया जा सकता है।
व्हेल और एलियंस
SETI कम्यूनिटी इससे पहले 1989 में एलियंस का सामना करने के लिए खुद का एक प्रोटोकॉल तैयार किया था। अब फिर से हमें अपडेट होने की आवश्यकता है। हम धरती पर ही जानवरों की भाषा को समझ नहीं पाए हैं, तो कैसे एक एलियंस जो इस धरती का प्राणी नहीं है उसकी लैंग्वेज को कैसे समझ पाएंगे। वहीं, हार्वर्ड विश्वविद्यालय में संगीत के प्रोफेसर डॉ अलेक्जेंडर रेहडिंग ने कहा कि, एलियंस को समझने के लिए व्हेल वास्तव में एक अच्छा विषय साबित हो सकता है। बता दें कि, 2004 और 2021 के बीच, पेंटागन की अज्ञात एरियल फेनोमेना टास्क फोर्स ने 144 यूएफओ घटनाओं की जांच की थी।