देहरादून: प्रदेश मे गुजरे विधानसभा के बाद उत्तराखंड मे बगावत और अंतर्कलह का सामना कर रही कांग्रेस को उभारने के लिए हरदा ने ऐलान कर दिया है की वो प्रदेश मे रहकर ही अब राजनीति करेंगे हरीश रावत ने अपनी शोषल मीडिया पोस्ट से साफ कर दिया है की वो कर्नाटक चुनाव मे कांग्रेस की निश्चित जीत की बधाई देने यानि राजनीतिक उद्देश्य से आखिरी बार दिल्ली पहुँच रहे हैं हरदा ने साफ कर दिया है की वो अपना ज़ोर अब उत्तराखंड कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने के लिए लगाएंगे उन्होने 2017 मे हुई कांग्रेस हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए अपनी पोस्ट मे लिखा है की हार का कारण वो हैं क्योंकि कांग्रेस का सम्पूर्ण नेत्रत्व उनके हाथ मे था इसलिए अगर प्रदेश मे पार्टी को उनके कारण नुकसान हुआ है तो वो नुकसान की भरपाई को भी प्रयास करेंगे, हरदा ने ये भी साफ कर दिया है की उन्हे पार्टी मे किसी पद की चाहत नहीं है बल्कि वो एक कार्यकर्ता के तौर पर कांग्रेस के चतुर्भुज नेतृत्व को शक्ति देंगे। आपको बता दें उत्तराखंड कांग्रेस मे कई नेताओं ने हरदा के ऊपर अपनी अनदेखी और 2017 मे हुई कांग्रेस की हार के आरोप लगाए थे।
कल मैं कांग्रेस नेतृत्व को #कर्नाटक की निश्चित जीत के लिए बधाई देने दिल्ली पहुंचूंगा। मेरा #राजनीतिक उद्देश्य से दिल्ली का यह लगभग अंतिम..https://t.co/2tHKZCIdqX..शक्ति देता रहूंगा।#uttarakhand @INCIndia @kharge @RahulGandhi @priyankagandhi @INCUttarakhand @KaranMahara_INC pic.twitter.com/lwDmFyTuF8
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) May 11, 2023
अब हरदा के ऐलान के बाद उत्तराखंड कांग्रेस को फाइदा होगा या नुकसान ये तो बाद मे देखा जाएगा लेकिन फिलहाल उत्तराखंड मे कांग्रेस मे सबकुछ ठीक नहीं चल रहा प्रदेश अध्यक्ष, नेताप्रतिपक्ष से लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव तक पार्टी के विधायकों और नेताओं के राडार पर आ चुके हैं, अनदेखी का आरोप लगाकर कई वरिष्ठ नेताओं ने एक-एक कर किनारा कर लिया है और दूसरी पार्टी ज्वाइन कर ली है कई बार उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं की अंतर्कलह और आरोपों को शांत करने के लिए कांग्रेस केंद्रीय नेत्रत्व से आई कमेटी बैठ चुकी है लेकिन नतीजा ज़ीरो ही रहा है… अब हरदा के मुताबिक वो दिल्ली की राजनीति से दूर हो जाएंगे और उत्तराखंड राजनीति मे सक्रिय भूमिका अदा करेंगे यानि हरदा जर्जर हो चुके कांग्रेस के ताबूत मे आखिरी कील ठोंकने को तैयार हैं लेकिन ये कील पार्टी मे ही न जाने कितने लोगों को चुभ भी सकती है और अगर न भी चुभी तो क्या हरदा फिर दोबारा सत्ता मे कांग्रेस को वापिस ला पाएंगे ।
एक सवाल ये भी है की क्या हरदा के उत्तराखंड मे सक्रिय होने से कांग्रेस प्रदेश मे उबर पाएगी क्योंकि दूसरे दल हमेशा ही कांग्रेस को डूबते जहाज की संज्ञा देते रहे हैं…अगर हरदा के उत्तराखंड मे सक्रिय होने से कांग्रेस की स्थिति सुधार जाए तो अच्छी बात है मगर लोकसभा चुनाव भी सर पर हैं और हरदा हरिद्वार से ताल ठोंकने की भी तैयारी मे हैं लेकिन हरिद्वार से दिग्गज कांग्रेसी नेता और हरीश रावत के पुराने साथी हरक सिंह रावत भी टिकट लेने का दावा ठोंक चुके हैं…सवाल फिर यही है की हरीश रावत आखिर कांग्रेस को कैसे एक करेंगे और कैसे उत्तराखंड मे खुद की बदौलत हुई हार की भरपाई करेंगे, और क्या हरदा के उत्तराखंड मे सक्रिय भूमिका मे आने से प्रदेश कांग्रेस के नेता खुश होंगे…आने वाला वक़्त सब बता देगा…