नई दिल्ली: कर्नाटक के DGP प्रवीण सूद को CBI (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है. वो दो साल तक इस पद पर सेवाएं देंगे. 25 मई को वो नई जिम्मेदारी संभाल सकते हैं क्योंकि इसी दिन मौजूदा डायरेक्टर सुबोध कुमार जायसवाल का कार्यकाल पूरा हो रहा है.
प्रवीण सूद के नाम चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी, मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ के साथ ही विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी भी मौजूद थे. इसमें उनके नाम पर मोहर लगी थी. सूत्रों का कहना है कि चौधरी ने सूद की उम्मीदवारी पर आपत्ति जाहिर की थी.
1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं प्रवीण सूद
प्रवीण सूद का जन्म हिमाचल प्रदेश में साल 1964 में हुआ था. उन्होंने आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएशन किया है. वो 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में कर्नाटक के डीजीपी हैं. 1989 में वो मैसूर के सहायक पुलिस अधीक्षक बने थे. इसके बाद पुलिस अधीक्षक, बेल्लारी और रायचूर भी रहे. फिर बेंगलुरु पुलिस उपायुक्त (DCP) के पद पर सेवाएं दी.
राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया
प्रवीण सूद 1999 में मॉरीशस में पुलिस सलाहकार भी रहे. 2004 से 2007 तक वो मैसूर शहर के पुलिस आयुक्त रहे. इसके बाद 2011 तक बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के रूप में काम किया. साल 1996 में सेवा में उत्कृष्टता के लिए उन्हें मुख्यमंत्री स्वर्ण पदक, 2002 में पुलिस पदक और 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया.
कर्नाटक पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक रहे
प्रवीण सूद 2013-14 में कर्नाटक पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक रहे. इसके साथ ही उन्होंने राज्य के गृह विभाग में प्रधान सचिव, राज्य रिजर्व पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और प्रशासन में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के रूप में भी काम किया.
प्रवीण सूद और शिवकुमार की तल्खी
प्रवीण सूद के प्रति कर्नाटक कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की तल्खी किसी से छिपी नहीं है. विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने सूद के बारे में कहा था कि वो इस पद के लायक नहीं है. शिवकुमार ने उन पर बीजेपी के पक्ष में काम करने का भी आरोप लगाया था.
कहा था कि वो तीन साल से DGP हैं, मगर उनका काम बीजेपी कार्यकर्ता के समान है. उन्होंने करीब 25 कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की. इस संबंध में चुनाव आयोग को भी लिखा है. इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो सूद के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब राज्य में कांग्रेस सत्ता में आ गई है लेकिन प्रवीण सीबीआई निदेशक के रूप में दिल्ली का रुख करेंगे.