न्यूज़ डेस्क: भारत में कुछ सालों पहले स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई. इसके तहत कई टॉयलेट्स बनाए गए. पहले के समय में तो घरों में टॉयलेट बनाया ही नहीं जाता था. सभी फ्रेश होने के लिए बाहर जाते थे. चाहे मर्द हो या औरत, खेतों में ही बाथरूम करने के लिए जाना पड़ता था. इसके बाद धीरे-धीरे जब लोग शहरों में बसने लगे तब खुले में शौच कम देखने के लिए मिलने लगा. लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसे लोग हैं जो आज भी शर में रेल की पटरी पर आपको नजर आ जाएंगे.
पुराने लोगों का मानना है कि घर में टॉयलेट बनाने से घर अशुद्ध हो जाता है. लेकिन लगता है कि इजराइल के लोगों की सोच भारतीयों से काफी आगे की थी. तभी तो वहां आज से पच्चीस सौ साल पहले भी टॉयलेट्स का इस्तेमाल किया जाता था. जी हां, उस समय भी घरों में बाथरूम हुआ करता था. ये हम यूं ही नहीं कह रहे. वहां चल रहे खुदाई के दौरान एक लाइमस्टोन स्लैब मिला है. इसमें एक छेद है जो आज के टॉयलेट से मिलता-जुलता है. बताया जा रहा है कि उस समय के सबसे अमीर परिवार का ये टॉयलेट हुआ करता था.
पेट की बीमारी से ग्रसित था परिवार
इस टॉयलेट के अंदर से पॉटी के अंश भी मिले हैं. इनकी अब तक की जांच में सामने आया है कि परिवार के लोगों को पेट की बीमारी थी. उनके पेट में इन्फेक्शन था जिससे उसके स्टूल में बैक्टेरिया पैदा हो गए थे. इस परिवार में लोगों को डायरिया भी था. इस स्लैब में मर्दों के टॉयलेट करने के लिए भी अलग से छेद बनाया गया था. जिस टॉयलेट सीट की जाँच साइंटिस्ट कर रहे हैं, उसके अंदर कई बैक्टेरिया मिले हैं. अब इनकी भी जांच की जा रही है.